ट्रेनें-बसें 3 मई तक बंद / लॉकडाउन की वजह से देश में पहली बार 43 दिन यात्री ट्रेनें नहीं चलेंगी, 2.3 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाने के लिए यह जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम अपने चौथे संदेश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया। इसी के साथ यह साफ हो गया कि देश में आवाजाही के सबसे बड़े साधन यानी यात्री ट्रेनें भी 3 मई तक बंद रहेंगी। लोकल और इंटर स्टेट ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली बसें भी बंद रहेंगी।


देशभर में यात्री ट्रेनें जनता कर्फ्यू के दिन यानी 22 मार्च से ही बंद हैं। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि ट्रेनें लगातार 43 दिन बंद रहेंगी। रेलवे ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद बयान जारी कर कहा कि प्रीमियम ट्रेनें, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें, पैसेंजर ट्रेनें, उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता मेट्रो और कोंकण रेलवे की सभी ट्रेनें 3 मई को रात 12 बजे बंद रहेंगी। हालांकि, इस दौरान मालगाड़ियां चलती रहेंगी। 


क्या बुकिंग हाेगी?
नहीं। रेलवे ने कहा है कि आरक्षित या गैर-आरक्षित यात्रा करने के लिए सभी रेलवे स्टेशनों पर या स्टेशनों के बाहर टिकटों की बुकिंग भी 3 मई की आधी रात तक बंद रहेगी।


क्या रिफंड मिलेगा?
अगर किसी ने 3 मई तक की यात्रा के लिए टिकट बुक करा रखा है तो रेलवे बोर्ड ने कहा है कि इसका फुल रिफंड लोगों को दिया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान कैंसल ट्रेनों के टिकटों पर 21 जून तक फुल रिफंड क्लैम कर सकेंगे।


क्या आगे की यात्रा के लिए बुकिंग शुरू होगी?
रेलवे बोर्ड का कहना है कि अगले नोटिस तक एडवांस रिजर्वेशन नहीं होंगे।


लॉकडाउन के साथ ट्रेनें रोकना क्यों जरूरी?
रेलवे 12 हजार यात्री ट्रेनें चलाता है। इनमें 9 हजार पैसेंजर ट्रेनें और 3 हजार मेल एक्सप्रेस हैं। इनमें रोजाना 2.3 करोड़ लोग सफर करते हैं। ट्रेनें चलने पर यात्रियों पर कोरोना के संक्रमण का खतरा रहेगा। इसलिए ट्रेनें रोकना जरूरी है।


जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा, तब क्या सभी सीटों पर रिजर्वेशन मिलेगा?
सरकार कुछ चुनिंदा रूटाें पर ट्रेनें शुरू कर सकती है। माना जा रहा है कि 30 अप्रैल के बाद भी एकदम से पूरी कैपेसिटी के साथ ट्रेनें शुरू करना मुमकिन नहीं होगा। इसलिए धीरे-धीरे इन्हें शुरू करने की तैयारी है। 


रेलवे लॉकडाउन खुलने के बाद क्या तैयारी कर रहा है?



  • हो सकता है कि स्टेशन पर ट्रेन आने से चार घंटे पहले पहुंचना जरूरी किया जाए। 

  • ट्रेनाें में जनरल बाेगी नहीं हाेगी। हो सकता है कि एसी डिब्बे भी न रखे जाएं। सिर्फ रिजर्वेशन होने पर ही यात्रा हो सकेगी। 

  • साेशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए आधी सीटों पर ही रिजर्वेशन दिया जा सकता है। 

  • काेराेना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी। 

  • भीड़-भाड़ से बचने के लिए स्टेशनाें पर स्टाॅपेज का टाइम भी दोगुना किया जा सकता है।

  • हर स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सकती है। 

  • स्टेशन पर सिर्फ वे पहुंच सकेंगे जिनके पास रिजर्वेशन वाली टिकट है। 

  • भीड़ रोकने के लिए हो सकता है कि प्लेटफाॅर्म टिकट न बेचे जाएं।



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